इस कोर्स के सभी प्रतिभागियों को योग दर्शन में गहराई से उतरने और इसे अपनी शिक्षण शैली में कैसे लागू किया जाए, यह सीखने का अवसर दिया जाता है। उन्हें शरीर रचना (एनाटॉमी) और शरीर क्रियाविज्ञान (फिज़ियोलॉजी) का अध्ययन करने का लाभ भी मिलता है, और यह समझने का अवसर मिलता है कि ये आसनों, प्राणायाम और ध्यान के अभ्यास से कैसे संबंधित हैं। यह कोर्स प्रायोगिक (हैंड्स-ऑन) पद्धति पर आधारित है और समूह चर्चा, इंटरएक्टिव गतिविधियाँ और मार्गदर्शित अभ्यास सत्रों के माध्यम से सीखी गई बातों को अभ्यास में लाने के लिए भरपूर अवसर प्रदान करता है।